Maharashtra school bus new safety rules panic button gps cctv mandatory for student transport

महाराष्ट्र परिवहन विभाग ने निजी स्कूल बसों के लिए सख्त सुरक्षा नियम लागू करने का फैसला किया है, जो अगले शैक्षणिक सत्र से प्रभावी होंगे. इन नियमों के तहत स्कूल बसों में पैनिक बटन, आग बुझाने वाले स्प्रिंकलर, जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाएंगे.

इसके अलावा, जो स्कूल या निजी बस संचालक अभिभावकों से परिवहन शुल्क वसूलते हैं, उन्हें अपनी बसों की निगरानी के लिए केंद्रीकृत सीसीटीवी सिस्टम स्थापित करना होगा.

स्कूल बसों की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताएं

पिछले कुछ वर्षों में स्कूल बसों की लापरवाही, ओवरलोडिंग, सुरक्षा नियमों की अनदेखी और ड्राइवरों की लापरवाही को लेकर कई घटनाएं सामने आई हैं. अभिभावकों की लगातार शिकायतों और बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए परिवहन विभाग ने यह सख्त कदम उठाया है.

विशेष समिति करेगी सिफारिशें

परिवहन विभाग ने नए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए सेवानिवृत्त परिवहन अधिकारी जितेंद्र पाटिल की अध्यक्षता में एक विशेष समिति गठित की है. इस समिति को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके आधार पर अंतिम नियम तय किए जाएंगे.

परिवहन मंत्री का बयान

परिवहन मंत्री प्रताप सरनाइक ने कहा, “अभिभावकों द्वारा जताई गई चिंताओं को देखते हुए यह नियम लागू किए जा रहे हैं. नए दिशा-निर्देशों के तहत, जो स्कूल या बस संचालक अभिभावकों से परिवहन शुल्क वसूलते हैं, उन्हें अपनी सभी बसों की निगरानी के लिए केंद्रीकृत सीसीटीवी व्यवस्था लागू करनी होगी.”

नियमों का पालन करना होगा अनिवार्य

नई गाइडलाइंस लागू होने के बाद सभी स्कूलों और निजी बस संचालकों को इन सुरक्षा उपायों का पालन करना अनिवार्य होगा. यदि कोई भी स्कूल या बस ऑपरेटर इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है और बसों के संचालन पर प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है.

छात्रों की सुरक्षा होगी पहली प्राथमिकता

इस कदम का मुख्य उद्देश्य स्कूल बस संचालन में पारदर्शिता लाना और छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है. सरकार चाहती है कि स्कूल जाने वाले सभी बच्चों की यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित हो और किसी भी तरह की लापरवाही या दुर्घटना की संभावना को खत्म किया जा सके.

नई गाइडलाइंस से क्या बदलाव होंगे?

सुरक्षा उपकरणों की अनिवार्यता: हर स्कूल बस में पैनिक बटन, फायर स्प्रिंकलर, जीपीएस ट्रैकिंग और सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे. केंद्रीकृत निगरानी प्रणाली: जो स्कूल या बस संचालक अभिभावकों से परिवहन शुल्क लेते हैं, उन्हें बसों के लिए केंद्रीकृत सीसीटीवी निगरानी प्रणाली स्थापित करनी होगी.

नियमों का पालन न करने वाले स्कूलों या बस ऑपरेटरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बसों की लाइव लोकेशन और बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों को अधिक जानकारी मिलेगी. सरकार की इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि महाराष्ट्र में स्कूल बसों की सेवाएं अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित होंगी, जिससे अभिभावक भी निश्चिंत होकर अपने बच्चों को स्कूल भेज सकेंगे.

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